Sant Ravidas + Shrimadbhagwadgita | Philosophy Of Gita (Set Of 2 Books)(Paperback, Hindi, Mahesh Dutt Sharma, Dr. Jagmohan Sharma)
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Timeless Wisdom: Teachings of Sant Ravidas & the Bhagavad Gita एक आध्यात्मिक संग्रह है जो भारत की सनातन परंपरा और आत्मिक जागृति का प्रतिनिधित्व करता है। यह संग्रह दो महत्वपूर्ण ग्रंथों को एकत्र करता है—संत रविदास की शिक्षाएं और श्रीमद्भगवद्गीता का दिव्य उपदेश। यह संकलन न केवल आध्यात्मिक साधकों के लिए अत्यंत लाभकारी है, बल्कि जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने के इच्छुक हर पाठक के लिए भी मार्गदर्शक है।Book 1: Sant Ravidas by Mahesh Dutt Sharma, ISBN: 9789348957665इस पुस्तक में प्रसिद्ध लेखक महेश दत्त शर्मा ने संत परंपरा के महान संत रविदास जी के जीवन, विचारों और काव्य को सरल और प्रभावशाली भाषा में प्रस्तुत किया है। संत रविदास 15वीं सदी के एक महान भक्त कवि थे, जिन्होंने भक्ति आंदोलन को एक नई दिशा दी। वे जातिवाद, भेदभाव और सामाजिक असमानता के विरुद्ध खड़े हुए और अपने दोहों और पदों के माध्यम से समता, प्रेम और ईश्वर की भक्ति का संदेश दिया।इस पुस्तक में संत रविदास के जीवन के प्रमुख प्रसंग, उनके प्रेरणादायक दोहे, और उनके सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदानों को विस्तार से बताया गया है। यह ग्रंथ न केवल उनके जीवन के बारे में जानकारी देता है, बल्कि उनके विचारों को आज के समाज में भी प्रासंगिक बनाता है। महेश दत्त शर्मा ने उनकी शिक्षाओं को इस तरह से संकलित किया है कि पाठक उनके दर्शन से आत्मा को जागृत कर सकें। यह पुस्तक संत रविदास की उस भावना को जीवंत करती है जिसमें व्यक्ति, ईश्वर के समक्ष समान है और भक्ति ही मोक्ष का मार्ग है।Book 2: Shrimadbhagwadgita by Dr. Jagmohan Sharma, ISBN: 9789393111463यह पुस्तक डॉ. जगमोहन शर्मा द्वारा सरल हिन्दी भाषा में श्रीमद्भगवद्गीता का विस्तृत और गहराईपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत करती है। श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है, जो महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश जीवन, कर्तव्य, धर्म, आत्मा, और मोक्ष जैसे गूढ़ विषयों पर आधारित हैं।डॉ. शर्मा ने गीता के प्रत्येक अध्याय और श्लोक की व्याख्या अत्यंत सरलता और अध्यात्मिक दृष्टिकोण से की है, जिससे एक सामान्य पाठक भी इस महान ग्रंथ की गहराइयों को समझ सके। इसमें आत्मा की अमरता, निष्काम कर्म, योग के प्रकार और भक्ति के महत्व को व्याख्यायित किया गया है। पुस्तक न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से मूल्यवान है, बल्कि मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।यह दोनों पुस्तकें—संत रविदास की जीवन दृष्टि और श्रीमद्भगवद्गीता का दार्शनिक गूढ़ता—एक साथ मिलकर पाठकों को आत्मबोध, सामाजिक समरसता और अध्यात्म की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। यह संग्रह हर उस व्यक्ति के लिए अनमोल है जो जीवन की सच्चाई को समझना चाहता है और आध्यात्मिक प्रगति की राह पर चलना चाहता है।